इस पेज में, साल 1994 में आयी अक्षय कुमार और रवीना टंडन की फ़िल्म "मोहरा" के गाने "सुबह से लेकर शाम तक" के लिरिक्स हिंदी में साझा किए गाए हैं।
सन्दर्भ:
- गीत - सुबह से लेकर शाम तक
- फ़िल्म - मोहरा (1994)
- मुख्य किरदार - अक्षय कुमार, रवीना टंडन और सुनील शेट्टी
- गायक कलाकार - उदित नारायण, साधना सरगम
- संगीत - विजू शाह
- लिरिक्स - आनंद बख्शी
सुबह से लेकर शाम तक लिरिक्स - Subah Se Lekar Sham Tak (Mohra)
सुबह से लेकर शाम तक,
शाम से लेकर रात तक।
सुबह से लेकर शाम तक,
शाम से लेकर रात तक।
रात से लेकर सुबह तक,
सुबह से फिर शाम तक मुझे प्यार करो...ओ,
मुझे प्यार करो।
ओ...मुझे प्यार करो, मुझे प्यार करो।
शहर से लेकर गाँव तक,
धूप से लेकर छाँव तक।
शहर से लेकर गाँव तक,
धूप से लेकर छाँव तक।
सर से लेकर पांव तक,
दिल की सभी वफाओं तक।
मुझे प्यार करो...ओ,
मुझे प्यार करो।
ओ...मुझे प्यार करो, मुझे प्यार करो।
हो...और पिया कुछ भी कर लो,
लेकिन रखना याद।
और पिया कुछ भी कर लो,
लेकिन रखना याद।
कुछ शादी से पहले,
कुछ शादी के बाद।
प्यार में अब इतनी शर्तें,
कौन रखेगा याद।
क्या शादी से पहले,
क्या शादी के बाद।
पास से लेकर दूर तक,
दूर से लेकर पास तक।
इन होठों की प्यास तक,
धरती से आकाश तक।
मुझे प्यार करो...ओ,
मुझे प्यार करो।
ओ मुझे प्यार करो,
मुझे प्यार करो।
हो, ऐसे कैसे हो सकता है,
पूरा - पूरा प्यार।
ऐसे कैसे हो सकता है,
पूरा - पूरा प्यार।
क्या खुल के इकरार करो तुम,
क्या खुल के इनकार।
ओ...मेरे गले में डाल के बाहें,
कर लो बातें चार।
इससे आगे करना पड़ेगा,
तुमको इंतेज़ार।
हो... सागर के इस आज से,
सागर के उस पार तक।
नज़रों की दीवार तक,
प्यार से लेकर प्यार तक।
मुझे प्यार करो...ओ,
मुझे प्यार करो।
ओ...मुझे प्यार करो,
मुझे प्यार करो।
सुबह से लेकर शाम तक,
शाम से लेकर रात तक।
सुबह से लेकर शाम तक,
शाम से लेकर रात तक।
मुझे प्यार करो...ओ,
मुझे प्यार करो।
ओ...मुझे प्यार करो,
मुझे प्यार करो।
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